राजकुमारी रत्ना सिंह के बीजेपी में शामिल होते ही राजा भैया को लगेगा सबसे तगड़ा झटका, उठेगा सियासी तूफान

बाहुबली क्षत्रिय विधायक के गढ़ में मिलेगी सबसे बड़ी चुनौती, दो बार की सांसद रह चुक है राजकुमारीरा  के बीजेपी में शामिल होते ही राजा भैया को लगेगा सबसे तगड़ा झटका, उठेगा सियासी तूफान



वारणसी. यूपी में कुछ ही घंटों बाद नया सियासी समीरकण बनने वाला है। कांग्रेस की दिग्गज नेता रही प्रतापगढ़ की पूर्व सांसद राजकुमारी रत्ना सिंह बीजेपी में जाने वाली है। सीएम योगी आदित्यनाथ की मंगलवार को होने वाली सभा में इस ऐलान होने वाला है। राजकुमारी के बीजेपी में जाते ही सबसे बड़ा झटका क्षत्रिय बाहुबली राजा भैया को लगेगा। दोनों ही लोग राज परिवार से हैं और उनके बीच राजनीतिक लड़ाई लंबे समय से चली आ रही है।


कुंडा के क्षत्रिय बाहुबली विधायक राजा भैया की अपनी पहचान है। राजा भैया भदरी राजघराने के हैं जबकि राजकुमारी रत्ना सिंह कलाकांकर राजघराने से जड़ी है। राजा भैया व राजकुमारी रत्ना सिंह के बीच कभी चुनावी लड़ाई नहीं हुई है लेकिन राजा भैया के चचेरे भाई अक्षय प्रताप सिंह प्रतापगढ़ से सांसद रह चुके हैं। वर्ष 2004 में सपा के समर्थन से अक्षय प्रताप सिंह ने राजकुमारी रत्ना सिंह को चुनाव में शिकस्त दी थी जबकि 2009 में कांग्रेस प्रत्याशी राजकुमारी रत्ना सिंह ने चुनाव जीत कर अपना बदला लिया था। वर्ष 2014 से यूपी की राजनीति में पीएम नरेन्द्र मोदी की लहर चल रही थी जिसके चलते दोनों ही राजघराने के लोगों को चुनाव में हार मिली थी और अनुुप्रिया पटेल के अपना दल के पास यहां की संसदीय सीट आ गयी थी। वर्ष 2019 में प्रतापगढ़ संसदीय सीट पर बीजेपी जीती थी। प्रतापगढ़ की राजनीति मे ंराजा भैया व राजकुमारी रत्ना सिंह की अपनी पहचान है। मुलायम सिंह यादव को राजनीतिक गुरु मानने वाले राजा भैया की सबसे अधिक राजनीतिक दुश्मनी बसपा सुप्रीमो मायावती से थी। राजा भैया के चेचेर भाई अक्षय प्रताप सिंह को सपा का समर्थन मिलता था लेकिन सीएम योगी आदित्यनाथ से राजा भैया की निकटता बढ़ते ही अखिलेश यादव से उनके संबंध अच्छे नहीं रह गये थे। राजकुमारी रत्ना सिंह कहानी इससे अलग है। राहुल गांधी व प्रियंका गांधी की कांग्रेस का लंबे समय तक साथ दिया है। गंाधी परिवार की करीबी माने जाने वाली राजकुमारी रत्ना सिंह के कारण ही प्रतापगढ़ में कांग्रेस की पहचान है। राजकुमारी के बीजेपी में जाते ही कांग्रेस के साथ राजा भैया को सबसे तगड़ा झटका लगेगा। पूर्वांचल की राजनीति में नया सियासी तूफान उठना तय है।